Project
मानवता ही सर्वोपरि धर्म क्यों।
!!समर्पण!! के रूप में ऐसी बेटियों के जीवन को सवारना एवं सुंदर बनाना जो बेटियां अपने परिवार की तरफ से असहाय हैं बेसहारा हैं शोषित हैं वंचित हैं पीड़ित हैं। उनके परिवारों में जीविका का साधन नहीं है परिवार गरीबी अवस्था से संघर्ष कर रहा है माता-पिता नहीं है सामाजिक संरक्षण एवम सहयोग नहीं है। ऐसी बेटियों के जीवन को सुंदर बनाने के लिए उनके सपनों को साकार करते हुए शिक्षा के माध्यम से जीवन संरक्षण के माध्यम से एवं उनकी तरुण अवस्था को गृहस्थ जीवन में प्रवेश कराने के लिए सामूहिक विवाह समारोह के माध्यम से सामाजिक सहयोग में सामूहिक विवाहों का आयोजन कराने के लिए हमारा संकल्प आगे बढ़ रहा है।
!!सेवा!! के माध्यम से गऊ संरक्षण गऊ संवर्धन गौशाला निर्माण गौ माता के गोमूत्र एवं गोबर से औषधीय एवं आवश्यक वस्तुओं का निर्माण करना गौ माता की सेवा वृद्ध माताओं की सेवा हेतु वृद्ध माता आश्रम, गरीब बेटियों एवं बहनों के लिए सिलाई केंद्र खोलना स्वरोजगार के अवसर तैयार करना स्किल इंडिया जैसे विकल्प और प्रकल्पों के माध्यम से उनको स्वयं सेल्फ डिपेंड बनाना गरीब बच्चों की शिक्षा हेतु पुस्तक दैनिक जीवन की वस्तुओं की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु सेवा बस्ती के परिवारों में ऐसे बच्चों का चयन करना जो होनहार हैं जो बच्चे प्रतिभाशाली हैं मगर आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण अपनी प्रतिभाओं को उच्च स्थान तक ले जाने में स्वयं को असमर्थ महसूस कर रहे हैं ऐसे बच्चों के लिए सेवा कार्य के सहयोग से उनको उनके जीवन के लक्ष्य तक पहुंचाना और इस उद्देश्य की पूर्ति करना इसके लिए हमरा संकल्प आगे बढ़ रहा है।
!!संस्कार!! के माध्यम से वर्तमान परिवेश में कॉन्वेंट शिक्षा के चलन को ध्यान में रखते हुए आज सनातन के विचार और संस्कारों का दोहन जिस प्रकार से हो रहा है। आदिवासी वनवासी क्षेत्र में गरीब बस्तियों में अथवा कॉन्वेंट स्कूलों में जो साधन संपन्न परिवारों के बच्चे हैं वह अपने विचार और संस्कार से दूर होते चले जा रहे हैं उनको सनातन संस्कृति एवं गुरु परंपरा माता-पिता का आधार परिवार का संस्कार प्राप्त नहीं हो रहा है ऐसी शिक्षा के परिवेश में सनातन शिक्षा संस्कार शिक्षा वैदिक शिक्षा गुरुकुल परंपरा सेवा आश्रम जैसे प्रकल्पों के लिए सनातन विद्या मंदिर के माध्यम से से बाल्यकाल जीवन एवं तरुण अवस्था के नवयुवकों युक्तियां बहन एवं बेटियों के जीवन को संस्कारित बनाकर सामाजिक समरसता के उत्थान को आगे बढ़ाने के लिए हमरा संकल्प आगे बढ़ रहा है। सनातन विद्या मंदिर के माध्यम से अपने बच्चों के जीवन में संस्कार का वातावरण उत्पन्न करने के लिए ऐसे सभी परिवार माता पिता एवं उनके संरक्षक सामाजिक सहयोगी परिवार रिश्तेदार हमारी संस्था से संपर्क कर सकते हैं।
आगे के समय में आवश्यकता अनुसार वर्तमान प्रवेश एवं आगामी समय को ध्यान में रखते हुए आधुनिक मूल्य के आधार पर सनातन के विचार और संस्कारों को पूर्ण करने के लिए नित नूतन विषय और कार्य इसमें समाहित किए जाते रहेंगे।